tag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post5787455644009692380..comments2023-08-26T05:55:49.310-07:00Comments on संस्कृते किम् नास्ति: दु:खस्य समाधानम् अध्यात्मम्आचार्य धनंजय शास्त्री"जातवेदाः"http://www.blogger.com/profile/08123794950338362694noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-6691671804005721592010-06-21T04:27:37.973-07:002010-06-21T04:27:37.973-07:00अनुग्रहीतोस्मि आचार्य ।।
भवतां एष: प्रयास: जनाना...अनुग्रहीतोस्मि आचार्य ।।<br /><br /><br />भवतां एष: प्रयास: जनानां कृते कल्याणप्रदं भविष्यति ।।<br /><br /><br />शुभकामना:SANSKRITJAGAThttps://www.blogger.com/profile/12337323262720898734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-89794030419853203452010-05-15T07:54:02.058-07:002010-05-15T07:54:02.058-07:00सुंदर लेख। सत्य ही कहा है आपने। वैसे भी आत्मबोध ही...सुंदर लेख। सत्य ही कहा है आपने। वैसे भी आत्मबोध ही वास्तविक सत्य से साक्षात्कार कराता है बाँकी सब तो मिथ्या है और आत्मबोध प्रदान करने की क्षमता केवल अध्यात्म मे ही हैमहामूर्खराजhttps://www.blogger.com/profile/15111761583335874329noreply@blogger.com