tag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post5153553151176127555..comments2023-08-26T05:55:49.310-07:00Comments on संस्कृते किम् नास्ति: सुख और आनंद मे भेदआचार्य धनंजय शास्त्री"जातवेदाः"http://www.blogger.com/profile/08123794950338362694noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-51008926082046011662010-04-19T23:40:11.977-07:002010-04-19T23:40:11.977-07:00सादरं नमो नम:
महोदय प्रथमत: संस्कृतस्य ब्लागले...सादरं नमो नम:<br /><br />महोदय प्रथमत: संस्कृतस्य ब्लागलेखन कार्याय भवत: हार्दिकं अभिनन्दनं स्वागतं च।<br /><br />भवत: ब्लाग उपरि आगत्य किंचित शान्ति: प्राप्ये।<br /><br />अधुना किंचित स्वस्य परिचयं ददामि।<br /><br />अहं संस्कृत भारती संस्थाया: लखनउ नगरस्य सुभाष खण्डस्य नगर संयोजक:।<br /><br />कदाचिदपि कस्यचिदपि सूचना: यदि आवश्यकी चेत् मम ब्लाग टिप्पण्यां लिखतु।<br /><br /><br />शुभाशया:<br /><br /><br />जयतु संस्कृतं, जयतु भारतम्SANSKRITJAGAThttps://www.blogger.com/profile/12337323262720898734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-2824974013922802252010-03-31T12:30:08.528-07:002010-03-31T12:30:08.528-07:00Bahut abhyaspoorn aalekh hai!Bahut abhyaspoorn aalekh hai!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-59535977076388094562010-03-29T12:38:20.119-07:002010-03-29T12:38:20.119-07:00इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्व...इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-53047045868831693612010-03-25T07:40:19.630-07:002010-03-25T07:40:19.630-07:00your mission is greatyour mission is greatAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-44223320286449805742010-03-21T22:03:06.032-07:002010-03-21T22:03:06.032-07:00स्वागत है धनंजय शास्त्री जी।
मुझे वह दिन याद है जब...स्वागत है धनंजय शास्त्री जी।<br />मुझे वह दिन याद है जब <br />हम पहली बार गुरुकुल में मिले थे।<br /><br />अब आप आ गए हैं ब्लाग जगत में<br />तो कभी अपने भी स्मरण लिखुंगा<br />गुरुकुल पर और अन्य मित्रों पर्।<br /><br />शुभकामनाएंब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-66139465945977982932010-03-21T20:39:00.758-07:002010-03-21T20:39:00.758-07:00waakai sabkuch haiwaakai sabkuch haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-45593493302830334702010-03-21T05:01:27.987-07:002010-03-21T05:01:27.987-07:00आचार्यश्री को प्रणाम,
आचार्य जी मैंने वैकल्पिक वि...आचार्यश्री को प्रणाम,<br /><br />आचार्य जी मैंने वैकल्पिक विषय के रूप में संस्कृत का परास्नातक स्तर तक अध्ययन किया है। मेरे हृदय में संस्कृत के लिए वही स्थान है जो एक माता के लिए होता है। संस्कृत भारती की कक्षाएं भी मैंने अपने कुछ साथियों के साथ की थीं जिसके चलते ठीक-ठाक संस्कृत मैं बोल भी लेता हूं। इस समय में पत्रकारिता में आने के कारण ज्यादा समय नहीं दे पाता हूं। मैंने भारतीय दर्शन, ऋग्वेद के कुछ सूक्त, पाणिनी व्याकरण, साहित्य में कालिदास, भवभूति, शूद्रक और कई महाकवियों का अध्ययन किया है। वैज्ञानिक आधार पर देखें तो मैंने संस्कृत को बहुत ही समृद्ध पाया। मेरे लिए यह दुखद है कि मैं अब संस्कृत का अध्ययन ज्यादा नहीं कर पा रहा हंू। लेकिन ब्लॉग पर आपको देखकर मैं गदगद हो गया। आप को मेरा पुन: प्रणाम।Ratan Singh Shekhawathttps://www.blogger.com/profile/07589100482987233062noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-76130751031893551472010-03-21T00:49:23.591-07:002010-03-21T00:49:23.591-07:00स्वागत है आर्य !स्वागत है आर्य !हेमन्त कुमारhttps://www.blogger.com/profile/01073521507300690135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-85746380431642753092010-03-20T23:08:09.857-07:002010-03-20T23:08:09.857-07:00हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ...हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई<br />कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करेंअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-56609482978740167252010-03-20T10:03:51.692-07:002010-03-20T10:03:51.692-07:00संस्कृत का प्रचार प्रसार कर आप अनुपम कार्य कर रहे ...संस्कृत का प्रचार प्रसार कर आप अनुपम कार्य कर रहे है । स्वागत है ।<br /><br /><a href="http://gulmoharkaphool.blogspot.com/" rel="nofollow">गुलमोहर का फूल</a>Chandan Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/11389708339225697162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-80618045104639715782010-03-20T09:03:37.180-07:002010-03-20T09:03:37.180-07:00यद्यपि संस्कृत प्रचलन से बाहर हो गयी है , किन्त...यद्यपि संस्कृत प्रचलन से बाहर हो गयी है , किन्तु भारतीय जन मानस में यह सर्वाधिक सम्मान्य है। यही समस्त भाषाओँ की जननी है । चूँकि यह जन भावनाओं में समाहित है अतएव, इसे व्यवहार में पुनर्जागृत एवं प्रयुक्त करना पूर्णतया संभव है । यही एक ऐसी भाषा है जो भारत में चल रहे भाषायी विवाद को दूर कर सकती है । यह सभी भाषाओँ में सम्मिलित है इसलिए इसकी स्वीकार्यता पर विवाद नहीं होना चाहिए। आवश्यकता है दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति की।Dr. V. N. Tripathihttps://www.blogger.com/profile/04441249003072584019noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-63657081812706747412010-03-20T08:57:38.514-07:002010-03-20T08:57:38.514-07:00नमस्कार
ब्लोगिंग की दुनिया में भरापूरा स्वागत करत...नमस्कार<br />ब्लोगिंग की दुनिया में भरापूरा स्वागत करते हैं.आपके ब्लॉग पर आकर कुछ सार्थकता लगी है.यूहीं लगातार बने रहें और बाकी के ब्लोगों पर सफ़र करके अपनी राय जरुर लिखें.यही जीवन है.जो आपको ज्यादा साथियों तक जोड़ पायेगा.<br /><br />सादर,<br /><br />माणिक<br />आकाशवाणी ,स्पिक मैके और अध्यापन से सीधा जुड़ाव साथ ही कई गैर सरकारी मंचों से अनौपचारिक जुड़ाव<br />http://apnimaati.blogspot.com<br />http://maniknaamaa.blogspot.com<br /><br />अपने ब्लॉग / वेबसाइट का मुफ्त में पंजीकरण हेतु यहाँ सफ़र करिएगा.<br />http://apnimaati.feedcluster.com/''अपनी माटी'' वेबपत्रिका सम्पादन मंडलhttps://www.blogger.com/profile/16471251362095496908noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-57245607863740481312010-03-20T07:41:48.252-07:002010-03-20T07:41:48.252-07:00संस्कृत का अध्ययन माध्यम हिंदी हो तो हम सभी हिंदी-...संस्कृत का अध्ययन माध्यम हिंदी हो तो हम सभी हिंदी-भाषियों को सुविधा होगी, अन्यथा संस्कृत माध्यम रहेगा तो थोड़ी सी कठिनाई ही होगी.Rajeev Nandan Dwivedi kahdojihttps://www.blogger.com/profile/13483194695860448024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-35988113518116973632010-03-20T07:39:25.188-07:002010-03-20T07:39:25.188-07:00संस्कृत सिखा रहे हैं आचार्यवर तो हमें भी अपना शिष्...संस्कृत सिखा रहे हैं आचार्यवर तो हमें भी अपना शिष्य स्वीकार करें. <br />हमारा भी जीवन धन्य करें.<br /> बताइये कि किस प्रकार से हम अपनी इस भाषा का उत्थान कर सकते हैं.Rajeev Nandan Dwivedi kahdojihttps://www.blogger.com/profile/13483194695860448024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-10630322051098526622010-03-20T07:20:33.858-07:002010-03-20T07:20:33.858-07:00main girijesh rao ji ka samrthan karta hun aur muj...main girijesh rao ji ka samrthan karta hun aur mujhe bhi shishya rup me swikaren agar sanskrit shikshan vo bhi online ho sake to.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127154901441927908.post-20507771050145908872010-03-20T07:09:08.602-07:002010-03-20T07:09:08.602-07:00संस्कृत में क्या नहीं है !
वाह । शुभकामनाएँ आचार्...संस्कृत में क्या नहीं है ! <br />वाह । शुभकामनाएँ आचार्य। <br />दर्शन के बजाय संस्कृत शिक्षण की योजना हो तो मुझे शिष्य स्वीकारने का अनुग्रह करें।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.com